गुरुवार, 28 जनवरी 2016

ड्रीम द्वारका अभियान की धीमी प्रगति पर एक तटस्थ आकलन

आज शुक्रवार है। 29 जनवरी 2016 को यानि आज इस अभियान के आरंभ के लगभग तीन महीनों का एक तटस्थ आकलन आवश्यक लग रहा है।

कार्तिक शुक्ल नवमी यानि 20 नवंबर 2015 को अक्षय नवमी तिथि को यह ब्लॉग आरंभ हुआ है। इस तिथि से पहले भी ड्रीम द्वारका को लेकर चर्चाएं कुछ मित्रों के साथ हुई थी और स्वतः प्रेरणा से एकल प्रयास के तहत 20 नवंबर को अंततः इसका जन्म हुआ है।

हर महीने दो पोस्ट प्रकाशित हो रहे हैं। यह अभीतक केवल मेरे द्वारा लिखा, देखा और समय समय पर पढ़ा जा रहा है। इसका प्रचार प्रसार भी मैंने कुछ खास नहीं किया है। केवल दो मित्र जो संभवतः इस परियोजना के भागीदार बन सकें उनके साथ इस पर चर्चा हुई है। दोनों मित्रों ने अपना यथासंभव सहयोग देने का भरोसा भी दिया है। लेकिन इन दोनों ने भी अभी तक यह ब्लाग खोल कर खुद देखा है ऐसा नहीं लगता।

हालांकि इस परियोजना को प्रचारित प्रसारित करने के लिए मैं व्यक्तिगत स्तर पर अपने पास उपलब्ध अधिकतम समय दे रहा हूं। मेरे जानकार जितने व्यक्ति हैं उनके साथ इस पर लगातार चर्चाएं कर रहा हूं।

यह ब्लॉग शुरु होने के तुरंत बाद अपने एक मित्र के साथ कई दौर की चर्चाएं हो चुकी हैं जिनका उद्देश्य ड्रीम द्वारका को एक तन इंटरनेट पर उपलब्ध करना है। मुझे लगता है कि मेरे विचारों के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित एक वेबसाइट या किसी अन्य वेबसाइट के सहयोग से ऐसा स्थान वेब पर उपलब्ध होना चाहिए जहां पर सारे तथ्य रखे जा सकें और इनसे लाभ उठाने के लिए हर वह व्यक्ति स्वतंत्र हो जो इसे देखना चाहे, पढ़ना चाहे और इसके माध्यम से लाभ उठाना चाहे।

सोशल मीडिया पर ऐसी कई वेबसाइट हैं जो थोड़ी बहुत सीमाओँ के साथ यह सुविधा दे सकती हैं लेकिन मैं इनका उपयोग करूं यह अभी तय नहीं कर पाया हूं। लेकिन मुझे लगता है कि जितना जल्दी यह फैसला कर लूं उतना बेहतर होगा क्योंकि काल का चक्र कभी थमता नहीं और हर पल समय शेष होता जा रहा है यह मैं अच्छी तरह जानता हूं।

ऐसे में अगला सप्ताह निर्णायक होना चाहिए।

बीते सप्ताह , 21 जनवरी से 27 जनवरी तक हमने एक अभियान चलाया । इस अभियान के तहत भारत गणतंत्र उत्सव India Republic Week पूरे सप्ताह मनाने का न्यौता लोगों को दिया गया। उनसे आग्रह किया गया कि आप देशभक्तिपूर्ण लेख लिखें, विचार व्यक्त करें, दोहे लिखें, कविताएं लिखें और ईमेल आइ डी-dreamdwarkapsmt@gmail.com पर भेज दें। लोगों में उत्साह जगे इसके लिए इनाम की व्यवस्था भी रखी गई। वॉट्सएप समूह  An Initiative Group और अंग्रेजी हिन्दी समाचार पोर्टल क्रमशः  www.facenfacts.com और www.jantajanardan.com पर इस संबंधी पोस्टर खबरें भी डालीं गयीं।

लेकिन किसी भी व्यक्ति का कोई मेल इस संबंध में पूरे सप्ताह नहीं प्राप्त हुआ।

किसी के द्वारा कोई मेल नहीं भेजना क्या दर्शाता है ?


  1. प्रचार प्रसार में कमी रही  
  2. योजनाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया नहीं गया
  3. देशभक्ति के प्रति लोगों में अभिरुचि नहीं है
  4. ड्रीम द्वारका के प्रति लोगों में विश्वास नहीं है
  5. इनाम का प्रस्ताव आकर्षक नहीं है
  6. अन्य कोई कारण 
जो भी व्यक्ति, जब कभी इस ब्लाग को पढ़ें वह इस पर अपने सुझाव ईमेल आइ डी dreamdwarkapsmt@gmail.com पर भेज सकते हैं।


वॉट्स एप ग्रूप एआईजी का प्रसार लगभग एक सौ व्यक्तियों में है। इसके अलावा दो तीन और वाट्स एप समूह जिसके सदस्यों की संख्या तीन सौ से अधिक होगी में यह संदेश एक बार 21 जनवरी 2016 को भेजा गया था। इक्कीस जनवरी के बाद यह संदेश दोबारा नहीं प्रसारित किया गया। यानि लगभग पांच सौ व्यक्ति तक यह संदेश कम से कम एक बार तो भेजा गया लेकिन इसके बाद आक्रामक तरीके से इसे बार-बार दोहराया नहीं गया।

संदेश बार- बार नहीं दोहराने के कई कारण हैं । इनमें से सबसे प्रमुख ड्रीम द्वारका का अपना तन  नहीं होना है। इसके तन के बारे में अगले सप्ताह तक हर हाल में सुनिश्चित फैसला कर लेना है।

अभी का बस यही संकल्प

ड्रीम द्वारका अपने उद्देश्यों को प्राप्त करे इसके लिए और अधिक स्पष्टता के साथ ठोस कदम उठाने हैं।  

शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

मकर संक्रान्ति के अवसर पर 15 जनवरी 2016 को ड्रीम द्वारका परियोजना का लोकार्पण

नई दिल्लीः 15 जनवरी 2016

ड्रीम द्वारका परियोजना आज विधिवत आम जन के सेवार्थ समर्पित है। यह परियोजना जीवनशैली में सुधार के साथ हम में से हर किसी की समस्याओं के समाधान में यथासंभव सहयोग उपलब्ध कराने के लिए आरंभ हो रही है। 

हम यह मानते हैं कि हम मानवों की अधिकांश समस्याएं हमने खुद पैदा की हैं और इनके समाधान के लिए हमें अपने जीवन में सार्थक परिवर्तन के लिए आगे आना चाहिए।

पेशे से एक रेडियो -टेलीविजन पत्रकार और अभिरुचि से धर्म के विज्ञान का शोधार्थी होने के नाते मैंने जो भी ज्ञान अर्जित किया है वह ज्ञान सबजन हिताय सबजन सुखाय समर्पित है। 

आज प्रातःस्नान के साथ मैंने संकल्प लिया है कि मैं अब से अपना संपूर्ण जीवन मां भगवती के भ्रामरी रूप के उद्भव और संरक्षण के लिए बिताउंगा।

मैं यह मानता हूं कि आज दुनिया भर में अज्ञानवश कीटों के विरुद्ध एक विनाशकारी अभियान चल रहा है जिसके परिणाम अन्ततः मानवों को ही भुगतने पड़ रहे हैं। 

जिस तरह एक वन प्रदेश में सभी जीव जंतुओं के सिरमौर के रूप में सिंह या बाघ का होना पारिस्थितिक तंत्र की संपूर्णता का परिचायक होता है ठीक उसी तरह एक आत्म निर्भर मानव नियंत्रित गांव और नगर तंत्र में  कीट समाज के सिरमौर भ्रमर का होना अनिवार्य  संकेतक है। 

मगर दुर्भाग्यवश कहीं से भंवरों को बचाने का अभियान कहीं नहीं दिख रहा क्योंकि उसकी आवश्यकता और उपयोगिता को गंभीरता से नहीं देखा जा रहा है। 

मानव की खाद्य आवश्यकताओं के लिए कीट समाज की स्वस्थ और सम्यक उपस्थिति अनिवार्य है पर कीटों के विविध वंश को कीटनाशकों द्वारा नष्ट किया जा रहा है। 

ड्रीम द्वारका अभियान के अंतर्गत गांव और महानगर की हर छत पर ऑरगेनिक फॉर्मिंग को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा।  हर छत चाहे वह छोटा हो या बड़ा इसके कुल क्षेत्र के एक तिहाई हिस्से में मौसमी फूल औऱ , एक तिहाई हिस्से में मौसमी सब्जी उगाने का लक्ष्य रखा जाएगा। बाकी बचे एक तिहाई हिस्सा का आधा छत के उपयोगकर्ता  परिवार के लोगों के बैठने के लिए तथा आधा हिस्सा स्थायी महत्व के झाड़ीदार वनस्पतियों के लिए आरक्षित  होगा।

यहां उगायी जा रही वनस्पतियों पर किसी भी तरह के कीटनाशक का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। इनमें रासायनिक खाद नहीं डाले जाएंगे।

इसके लिए हम एक व्यापक जनजागृति अभियान चला रहे हैं। 

इस अभियान में हमें आपका सहयोग चाहिए। 

यदि आप प्रोफैशनल हैं और अपना समय समाज के लिए दान कर सकते हैं तो अपनी विशेषज्ञता का लाभ हमारे आम उपभोक्ताओं को दीजिए। हम देश की राजधानी दिल्ली में द्वारका सब सिटी की सोसाइटीज में अपना जनजागरण अभियान चलाएंगे। 

इन अभियानों में अपने कौशल से आप उनको सलाह सेवा दे सकते हैं। यदि आपके पास बेचने के लिए कोई उत्पाद है तो आप अपने उत्पाद के सैंपल के साथ इस अभियान में भाग लेकर अपने उत्पाद बेच सकते हैं।   

पेशे से एक रेडियो टेलीविजन पत्रकार होने के नाते मैं किसी भी व्यक्ति -छात्र-छात्रा को रेडियो और टेलीविजन में एनाउन्सर, रेडिय़ो जाकी, न्यूजरीडर, प्रजेन्टर और कार्यक्रम निर्माण की हर जानकारी निःशुल्क उपलब्ध कराने का वचन देता हूँ। 

यदि कोई भी व्यक्ति वाक कला यानि बोलने की कला सीखना चाहता है तो उसकी मदद के लिए एक प्रोफैशनल तरीके से तैयार कोर्स उपलब्ध है जिसका संचालन हमारे अभियान के लिए होगा। 

इसके अलावा हम प्रिन्ट मीडियम या तेज गति से उभर रहे इंटरनेट यानि वेब पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने के इच्छुक प्रशिक्षुओं की हरसंभव मदद के लिए तैयार हैं। 

प्रशिक्षण के  लिए फिलहाल हमारे दो केन्द्र कार्यरत हैं। इनमें से एक जनकपुरी तथा दूसरा द्वारका में है। 

हम जल्दी ही धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में भी आत्मिक उत्थान के लिए प्रशिक्षण शिविर शुरु करने जा रहे हैं जहां आकर कोई भी व्यक्ति अपने तन को स्वस्थ बनाने के उपाय और मन को प्रसन्न रखने की कला सीख सकेगा। 

हर आयुवर्ग के लोग इस अभियान में संग चलने के लिए आमंत्रित है।