सोमवार, 29 फ़रवरी 2016

परिस्थितियों के मद्देनजर धीमी पड़ गई है प्रगति

ड्रीम द्वारका परियोजना अपने लक्ष्य से पीछे चल रही है। वर्ष 2016 में  वसंत पंचमी के अवसर पर 12 फरवरी को इसका अपना तन कार्यरूप लेने का निश्चय था मगर ऐसा हो नहीं सका। इसका मुख्य कारण हमारे पास उपलब्ध परिस्थितियां और संसाधन हैं। बिना अनुकूल परिस्थिति और न्यूनतम संसाधन के इसके तन को वृहत जनसमुदाय को सौंपना उचित नहीं है। हमारे पास समाज के सेवार्थ क्या योजनाएं हैं जब तक यह स्पष्ट रूप से अपने पास उपलब्ध नहीं हो तब तक  समुदाय से सहयोग की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए।

कोई भी व्यक्ति किसी भी अपरिचित पर विश्वास तभी करता है जब साक्ष्य के लिए ठोस प्रमाण सामने उपलब्ध हों। यह ब्लॉग एक साक्ष्य अवश्य  है मगर इस ब्लॉग की अपनी सीमा है और जब इस सीमा के विस्तार के लिए एक स्वतंत्र तन टॉकिंग व्यूज पर मिल गया है तो जब तक टाकिंग व्यूज पर ड्रीम द्वारका परियोजना का स्वस्थ और पुष्ट तन साकार रूप नहीं लेता तब तक इसकी प्रगति धीमी बनी रहेगी।

इसका तात्पर्य यह नहीं है कि गति इतनी धीमी पड़ जाय कि जीवन को लेकर ही संदेह उत्पन्न हो जाय।

यह परियोजना जीवित है। बेहद धीमी चाल से  चल रही है। मैं इसके जीवित होने की पुष्टि कर रहा हूं। यह तेज गति से चले और सरपट दौड़ते हुए लोगों की सेवा कर सके इसके लिए ठोस कदम धीमे-धीमे ही सही उठाए जा रहे हैं। अब कोई तिथि निर्धारित करने से पहले इसके पुष्ट तन के लिए काम हो रहा है।

यह काम 31 मार्च से पहले पूरा हो और नए वित्त वर्ष के साथ यह अपने तन के साथ आकार ले इसके प्रयास जारी हैं।

ईश्वर कृपा करें कि नए वित्त वर्ष 01 अप्रैल 16 से पहले यह साकार होकर सामने आ जाय।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें