डॉ ज्ञान सिंह गौडपाल द्वारा गठित AIG समूह की ओर से मुझे एक जिम्मेदारी दी गयी कि मैं प्रति दिन किसी विषय पर वायस मैसेज सुबह सुबह पोस्ट करूं।
15 मई से यह सेवा जानकी जयंती तिथि को शुरु होकर लगातार एक महीने चलती रही है। एक महीने तक इस प्रयोग के बाद 17 जून से लेकर 22 जून का अल्प विराम मैंने लिया है।
यह विराम सोच विचार कर कुछ योजनाओं को पूर्ण करने के लिए लिया गया था। लेकिन वह योजनाएं परवान नहीं चढ़ीं।
दरअसल होता उतना ही है जितना रामजी चाहते हैं। रामजी की इच्छा नहीं थी कि मैं उन योजनाओं पर चलूं इसलिए परिस्थितियां कुछ ऐसी बनीं कि मन की बात मन में रहीं।
लेकिन ठीक है जितना हुआ उतना ही सही जो हो रहा है वही सही।
धारा के विपरीत तैर कर
आंधी के खिलाफ उड़ कर
अपनी शक्ति गंवाने से बेहतर है
धारा के साथ चलना आंधी की दिशा में बढ़ना
अब अगले बुधवार से दो दिवसीय यथा पिंडे तथा ब्रह्मांडे विषय पर बात करूंगा।
पहले दिन उमस का कारण और बचाव पर चर्चा होगी दूसरे दिन नद, नाद, नदी, नाड, नाड़ी, बंध, बांध पर चर्चा होगी।
इन सबके अलावा वाट्स एप पर एक नया ग्रुप शुरु करने की योजना है। यह ग्रुप मुस्कान मेल के नाम से होगा। किसी उचित तिथि से इसकी औपचारिक शुरुआत होगी।
शेष शुभम..
15 मई से यह सेवा जानकी जयंती तिथि को शुरु होकर लगातार एक महीने चलती रही है। एक महीने तक इस प्रयोग के बाद 17 जून से लेकर 22 जून का अल्प विराम मैंने लिया है।
यह विराम सोच विचार कर कुछ योजनाओं को पूर्ण करने के लिए लिया गया था। लेकिन वह योजनाएं परवान नहीं चढ़ीं।
दरअसल होता उतना ही है जितना रामजी चाहते हैं। रामजी की इच्छा नहीं थी कि मैं उन योजनाओं पर चलूं इसलिए परिस्थितियां कुछ ऐसी बनीं कि मन की बात मन में रहीं।
लेकिन ठीक है जितना हुआ उतना ही सही जो हो रहा है वही सही।
धारा के विपरीत तैर कर
आंधी के खिलाफ उड़ कर
अपनी शक्ति गंवाने से बेहतर है
धारा के साथ चलना आंधी की दिशा में बढ़ना
अब अगले बुधवार से दो दिवसीय यथा पिंडे तथा ब्रह्मांडे विषय पर बात करूंगा।
पहले दिन उमस का कारण और बचाव पर चर्चा होगी दूसरे दिन नद, नाद, नदी, नाड, नाड़ी, बंध, बांध पर चर्चा होगी।
इन सबके अलावा वाट्स एप पर एक नया ग्रुप शुरु करने की योजना है। यह ग्रुप मुस्कान मेल के नाम से होगा। किसी उचित तिथि से इसकी औपचारिक शुरुआत होगी।
शेष शुभम..
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